क्राइमग्वालियर

ग्वालियर मे अपने दुश्मनों को फसाने के लिए खुद को गोली मार कर घायल हुए दो युवक अपने ही जल में फंस गए

 

हजीरा थाना पुलिस को 9 जुलाई की रात एक युवक को गोली लगने की सूचना मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि युवक को जेएएच में भर्ती कराया गया है। जब पुलिस अस्पताल पहुंची तो वहां घायल मनीष बाथम मिला। मनीष ने पुलिस को बताया कि उसे गोली रोहन प्रजापति व मुकेश प्रजापति ने मारी है। पुलिस ने संदेहियों की धरपकड़ की तो वह अपने घर पर सोते मिले। जिन्हें थाने लाकर पूछताछ की तो उन्होंने घटना में शामिल होने से इनकार कर दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि उनका पूर्व में विवाद नारायण राठौर और उसके भाई लाखन राठौर से हुआ था। जिस पर लाखन ने उसे गोली मारी थी। उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला भी हजीरा थाना में दर्ज है और कुछ समय से आरोपी लाखन का भाई उन्हें धमका रहा है कि राजीनामा नहीं करने पर झूठे मामले में फंसा देगा। घायल मनीष ने गवाह के रूप में अपने दोस्त जॉनी का नाम पुलिस को बताया था। उसे पुलिस ने तलाशा तो पता चला कि वह गायब है। इसका पता चलते ही पुलिस का माथा ठनका। पुलिस ने जांच की तो घटना की पुष्टि नहीं हुई। जिस पर पुलिस ने घायल मनीष के अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही उसे थाने लाकर पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। इस पूरी घटना का मास्टर माइण्ड नारायण राठौर है और उसने अपने भाई के पक्ष में गवाही बदलवाने के लिए योजना तैयार की थी। उसके साथ इस घटना में जॉनी, ईशू और प्रदीप राठौर शामिल थे। वारदात के लिए प्रदीप को कट्टा व कारतूस लाना था। मनीष को ईशू द्वारा गोली मारी जाएगी। इसके बाद जॉनी उसके पक्ष में गवाही देगा और गोली का शिकार मनीष को इसके लिए दो लाख रुपए भी दिए गए थे। घटना का खुलासा हो जाने पर पुलिस ने आरोपी मनीष को हिरासत में लेकर नारायण, ईशू, जानी की तलाश शुरू कर दी है। वही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 109 हत्या के प्रयास, 250 पैसे लेकर झूठा साक्ष्य तैयार करना। इसके साथ ही धारा 231, 238, 217, 248 और 61 (2) के तहत मामला दर्ज कर किया है।

वीओ-वही दूसरा मामला महाराजपुर थाना क्षेत्र का है जंहा दो दिन पहले एक युवक गोली लगने से घायल होकर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ है। पुलिस जब मौके पर पहुंची और जांच की तो पता चला कि घायल कृष्णा भदौरिया के पैर में गोली लगी है। साथ उसके पैर पर ब्लैकनिंग भी पुलिस को दिखाई दी जब शंका होने पर उससे पूछताछ की तो पहले उसने अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली चलाना बताया और फिर कृष्णा राठौर और लवकुश गुर्जर द्वारा गोली चलाना बताया गया। पुलिस ने जब उसके साथ मौजूद अजय वर्मा, जतिन सविता और अंकुश राणा से बातचीत की तो उनके बयान भी बदले हुए थे। पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि जिनके खिलाफ घायल शिकायत कर रहा है वह घटना के समय अपने घर पर थे और दो दिन पहले उनका विवाद हुआ था और कृष्णा भदौरिया के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। इसलिए उसने पूरी प्लानिंग कर झूठा फसाने की कहानी रची थी और उसके साथ इस प्लानिंग में अंकुश राणा भी शामिल था। वही पुलिस ने जांच के बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और अब पुलिस ने आरोपी के उपचार के बाद इस मामले में गिरफ्तार करेगी। वहीं पुलिस ने अंकुश राणा की तलाश शुरू कर दी है।

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