ग्वालियर

देश मे अब एक जुलाई से नया आपराधिक कानून लागू होने जा रहा है. हत्या लूट बलात्कार जैसे कई गंभीर अपराधों पर घर बैठे ही E-FIR दर्ज कराई जा सकेंगी

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के नियम से लोगों को अब थानों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे जिले के सभी पुलिस के अधिकारियों और थाना प्रभारी चौकी प्रभारी की एक बैठक की गई और दिशा निर्देश भी दिए गए है कि किस तरह E-FIR पर कार्य करना है दरअसल ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में नए कानून को लेकर तैयारी शुरू कर दी है चौकी से लेकर थानों तक इस संबंध में सभी थाना और चौकी प्रभारीयों सहित पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है की नए कानून की किस तरह व्यवस्था करनी हैं पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया की भारत की जो न्याय प्रणाली है उसमें बहुत ही आधारभूत परिवर्तन नए कानून की तहत हुए हैं.1 जुलाई से जो क्रिमिनल जस्टिस से संबंधित जो तीनों नए कानून है उनका क्रियांवान होने जा रहा है नए कानून में नागरिकों के अधिकारों पर आधारित है पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए आधारित है इसकी अवधारणा विक्टिम ओरिएंटेड और न्याय ओरिएंटेड है समय वध तरीके से पूरी पारदर्शिता के साथ विवेचना हो और सही समय से ट्रायल कनक्लूड हो और पीड़ित को न्याय मिल सके इस अवधारणा पर यह न्याय प्रणाली आधारित होगी पिछले कई महीनो से हमारे ग्वालियर जिले में हम लोग प्रशिक्षण शिविर चला रहे हैं हमने सभी अधिकारियों को तीन-तीन दिन के सत्रों में प्रशिक्षण दिलवाई है पुलिस मुख्यालय के द्वारा बहुत ही अच्छा मटेरियल ट्रेनिंग के रूप में प्रदान किया गया है तो ग्वालियर जिले की आरक्षक से लेकर सभी रैंक के अधिकारी नए कानून की प्रक्रिया के बारे में बहुत ही ट्रेंड हुए हैं आज भी हमने थाना प्रभारी की और चौकी प्रभारी की बैठक बुलाई है और उनके साथ चर्चा भी की है किस प्रकार से एक जुलाई से हम लोग अपना कार्य करना प्रारंभ करेंगे कोई दिक्कत तो उसमें नहीं आने वाली है और पूरी टीम हमारी मोटिवेटेड है और नए कानून का 1 तारीख से हम लोग स्वागत करने के लिए तैयार हैं यह जो न्याय प्रणाली और जो कानून लागू होंगे वह विक्टिम सेंट्रिक है और जस्टिस सेंट्रिक है इसमें कोई भी पीड़ित व्यक्ति अपने घर पर बैठकर भी E-FIR के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है अब क्षेत्राधिकार का विषय नहीं है भारत की किसी भी राज्य में किसी भी जगह आप रहते हैं आप अपने अपराध की सूचना FIR कहीं भी (0) FIR के रूप में करा सकते हैं यह जो नए कानून है इसमें समयबद्धता भी है आपको समय अवधि के अंदर काम करना पड़ेगा इसमें टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है कई चीजों की वीडियोग्राफी होगी और डिजिटल एविडेंस होगा अकाउंटेबिलिटी भी है की कितने समय में विवेचना पूरी होगी तो कई सारे ऐसे परिवर्तन ले गए हैं जो महिलाओं और बच्चों और आम नागरिकों के लिए उनके अधिकार की सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और बहुत ही फायदा आम नागरिक को मिलने वाला है और जब आप किसी FIR का इन्वेस्टिगेशन करते हैं पीड़ित व्यक्ति को या जो फरियादी है उसके संज्ञान में रहना चाहिए कि केस में आखिर क्या हुआ और नए कानून में स्पष्ट प्रावधान बताया गया है कि 90 दिन के अंदर विवेचक आपको अवगत कराएंगे कि आपका केस की प्रोग्रेस क्या है

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